भारत के पहले सूर्य मिशन, आदित्य- एल-1 के सफल प्रक्षेपण के बाद, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि अगला कदम गगनयान के पहले परीक्षण उड़ान को शुरू करना होगा। उन्होंने कहा कि यह उड़ान अक्टूबर के महीने में हो सकती है। जितेंद्र सिंह ने कहा कि आदित्य एल-1 के सफल प्रक्षेपण से पता चलता है कि भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बन रहा है । जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह मिशन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश के प्रयासों का परिणाम है।
आज भारत हरेक मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे रहा है। गगनयान को लेकर जितेंद्र सिंह ने कही ये अहम बातः केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गगनयान के पहले परीक्षण उड़ान में कोई भी अंतरिक्ष यात्री शामिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस उड़ान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अंतरिक्ष यान सुरक्षित रूप से उड़ सके और सभी प्रणालियाँ ठीक से काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि गगनयान के पहले मानवयुक्त मिशन के लिए तैयारी जोरों पर है। उन्होंने कहा कि इस मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में उतरेंगे और कुछ वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि गगनयान के सफल होने से भारत को अंतरिक्ष में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह मिशन भारत को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगा।
यह है गगनयान अभियान
गगनयान मिशन भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है। यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित किया जा रहा है। इस मिशन के तहत, तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। वे तीन दिनों के लिए अंतरिक्ष में रहेंगे और कुछ वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।
अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण जारी
गगनयान मिशन के लिए तैयारी जोरों पर है। इसरो ने इस मिशन के लिए तीन अंतरिक्ष यात्रियों का चयन कर लिया है। इन अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण चल रहा है। गगनयान मिशन के पहले मानव रहित परीक्षण उड़ान का लक्ष्य 2023 के अंत में रखा गया है। पहले मानवयुक्त मिशन का लक्ष्य 2024 के अंत में रखा गया है। अब इसरो की धाक दुनिया के अंतरिक्ष बाजार में जम गई है, अब दुनिया के अधिकांश देश भारत वर्ष को विश्व गुरु मानेंगे।