राजधानी भोपाल सहित प्रदेशभर में मानसून ब्रेक के बाद तापमान में इजाफा होना शुरू हो गया है। प्रदेश के ज्यादातर शहरों का तापमान 30 डिग्री के ऊपर बना हुआ है। भोपाल सहित प्रदेश के 20 शहरों में तो पारा 34 डिग्री के ऊपर चला गया है। इससे गर्मी के दिनों जैसी तपन बढ़ गई है। शनिवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री दर्ज हुआ। सबसे अधिक अधिकतम तापमान ग्वालियर और खजुराहो में 37.4 डिग्री दर्ज हुआ। उधर, बारिश नहीं होने से किसानों की परेशानी बढ़ने लगी है। प्रदेश में औसत से 17 फीसदी कम बारिश हुई है। पश्चिमी मध्यप्रदेश में तो औसत से 20 फीसदी कम बारिश हुई है।
आसमान साफ रहने से अब धूप के तेवर तीखे होने से तापमान में इजाफा हो रहा है। प्रदेश के 52 जिलों में से 27 जिलों में सामान्य से 20 से 47 प्रतिशत तक कम वर्षा हुई है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक रविवार को बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बनने जा रहा है। इसके मंगलवार को कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होने की संभावना है। इसके प्रभाव से पांच सितंबर से प्रदेश में रुक-रुककर कर वर्षा होने का सिलसिला शुरू होने की संभावना है। वर्तमान में पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे लगे बिहार पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। दक्षिणी छत्तीसगढ़ पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। इस वजह से कुछ नमी मिल रही है। उधर प्रदेश के अधिकतर जिलों में तापमान काफी बढ़ा हुआ है। इस वजह से अलग-अलग स्थानों पर गरज- चमक के साथ छिटपुट वर्षा होने की संभावना भी बढ़ गई है।
जुलाई-अगस्त में हुई औसत से कम बारिश
जुलाई-अगस्त में प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश होती थी। इस बार जुलाई और अगस्त में कम बारिश की वजह से परेशानी बढ़ गई है। बारिश का कोटा पूरा नहीं हो पा रहा है। इस मानसून सीजन में अगस्त में दो बार मानसून ब्रेक हुआ है। इससे बारिश की गतिविधियां रुक गई। वातावरण में नमी कम होने से बादल छंट गए हैं। इस वजह से तापमान लगातार बढ़ रहा है। पांच सितंबर को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से प्रदेश में वर्षा का दौर शुरू होने की संभावना है। रुक-रुककर बौछारें पड़ने का सिलसिला तीन- चार दिन तक बना रह सकता है। इससे किसानों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है।