Thursday, March 14, 2024
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ग्वालियर की सेंवढा़ विधानसभा में पूर्व विधायक प्रदीप अग्रवाल ने जारी की अपने विकास की एक झलक और बौखला गया विपक्ष

मधयप्रदेश का चुनावी मैदान हमेशा से गरम रहा है , आए दिन चुनावी गलियारों मे हमें वादे और बातों की रसधार बहती मिल जाएगी। ग्वालियर की सेंवढा़ विधनसभा में इस बार भाजपा की ओर से पूर्व विधायक प्रदीप अग्रवाल मैदान में उतरे हैं।
चुनावी प्रचार के बीच प्रदीप अग्रवाल के social media से कुछ videos upload हो रहे हैं जिनमें उनके पिछले कार्यकाल में हुए विकास कार्यों को बताया जा रहा है। इन विकास कार्यों की सूची देख दर्शक हैरान रह गए और विपक्ष भी देखता रह गया।

Former MLA Pradeep Aggarwal in Sevdha Assembly of Gwalior

आपको बता दें कि प्रदीप अग्रवाल का कार्यकाल 2013 से 2018 तक रहा था। दरअसल ज्यादातर विधायकों द्वारा चुनाव जीतने के बाद 5 साल तक दर्शन न देने के दौर में प्रदीप अग्रवाल ने अपने कार्यकाल में हज़ारों करोड़ों की परियोजनाएं अपने क्षेत्र को दिलवाई हैं तथा सैंकड़ों करोड़ों के विकास कार्य करवाए हैं जो आज भी प्रदीप अग्रवाल के कार्यकाल का सबूत बने हुए हैं।

आजादी के बाद से ही 18 ग्राम सूखे से पीड़ित हैं। प्रदीप अग्रवाल के कार्यकाल में इसके हल के लिए 2249 करोड़ की रतनगढ़ बैराज परियोजना आई। और अब वह समय आने वाला है जब पानी अमृत बनकर इन 18 गावों की भूमि की प्यास बुझाएगा।

Pradeep Agrawal के कार्यकाल में सड़कों पर जो तरक्की हुई है वह काबिल ए तारीफ़ है। ग्रामीण क्षेत्रों में 838 सड़कें तथा कई मुख्य शहरी मार्ग इसके जीते जागते उदाहरण हैं। जब प्रदीप अग्रवाल ने सत्ता संभाली तो क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल एक प्रमुख समस्या थी।

ग्रामीण क्षेत्रों में तो लोगों को पीने का एक बर्तन पानी भरने तक के लिए काफी दूर जाना पड़ता था।
प्रदीप अग्रवाल ने सत्ता में आने पर सूखते हेंडपंपों का गहरीकरण कर उनमें मोटर डलवाई। 250 से अधिक नए हैंडपंपों का उत्खनन हुआ। 33 ग्रामों में बंद पड़ी नल जल योजना चालू हुई। 30 से अधिक ग्रामों में नई नल जल योजना के माध्यम से लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने का कार्य एवम seondha इंदरगढ़ से 42 करोड़ करोड़ की लागत से मुख्यमंत्री जल आवर्धन योजना स्वीकृत हुई।

हाईस्कूलो की संख्या कम होने के कारण छात्रों को कई किलोमीटर पैदल तथा साइकिलों से जाना पड़ता था।
कई क्षेत्रों में हाईस्कूल तो थे लेकिन विद्यालय के लिए कमरे तक नहीं थे।यहां तक कि इदरगढ़ तक में भवन विहिन महाविद्यालय दो कमरों में संचालित था । प्रदीप अग्रवाल ने जिम्मेदारी संभालते ही अपने कार्यकाल में 10 से अधिक नए हाईस्कूल एवं 5 हायर सेकेण्डरी स्कूल के साथ कुल 23 भवनों की स्वीकृति करवाई। जब प्रदीप अग्रवाल विधायक बने थे तो खेल का मैदान न तो शहर में था और न ही गावों में। खेलने के लिए बच्चों को खेतों तथा खुले प्लाटों की शरण लेनी पड़ती थी।

प्रदीप अग्रवाल ने कई ग्रामों में खेल के मैदान तथा कस्बों में स्टेडियम बनवाए। सेंथरी तथा इंदरगढ़ के स्टेडियम इसका जीता जागता उदाहरण हैं। बात करें बिजली की तो प्रदीप अग्रवाल ने अपने कार्यकाल में बिजली की समस्या को गंभीर रूप से लेते हुए नए बिजली सब स्टेशन बनवाए। कई ग्रामों में टावरों की स्थापना कराने का निर्णय लिया।

इसके साथ ही ग्रामों में शहरी व्यवस्था वाले सार्वजनिक भवन बनवाए जिससे ग्रामीणों को उत्सव या सभा करने में समस्या न हो। साथ ही गावों में कई तालाबों को ठीक कराया तथा 40 नए तालाबों को बनवाने की योजना स्वीकृत कराई।
इसके अतिरिक्त भी प्रदीप अग्रवाल ने अपने कार्यकाल में तमाम महत्त्वपूर्ण विकास कार्य करवाए हैं जिनका लाभ उन्हें तत्कालीन चुनाव में भी

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