Thursday, March 14, 2024
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Durga Chalisa Lyrics :पढ़े दुर्गा चालीसा, मिलेंगे यह लाभ, जानिए माँ दुर्गा के 108 नाम

हर वर्ष नवरात्री में माँ दुर्गा की आराधना विशेष रूप से की जाती है। सिर्फ भारत में ही नही यह अब पूरे विश्व में की जाती है। नवरात्री में हम माँ दुर्गा की आराधना करते वक़्त कुछ मंत्रो और श्लोको का पठन करते है।

इसी में से एक दुर्गा चालीसा भी है । आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम Durga Chalisa Lyrics को अर्थ सहित (With Meaning) जानेंगे। इसी के साथ हम माँ दुर्गा के 108 नाम (108 names of ma Durga) के बारे में भी जानेंगे।

Durga Chalisa Lyrics Hindi दुर्गा चालीसा हिंदी में

दोहा

ॐ सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते ॥

चालीसा

नमो नमो दुर्गे सुख करनी ।
नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी ॥

निरंकार है ज्योति तुम्हारी ।
तिहूँ लोक फैली उजियारी ॥

शशि ललाट मुख महाविशाला ।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला ॥

रूप मातु को अधिक सुहावे ।
दरश करत जन अति सुख पावे ॥ ४

तुम संसार शक्ति लै कीना ।
पालन हेतु अन्न धन दीना ॥

अन्नपूर्णा हुई जग पाला ।
तुम ही आदि सुन्दरी बाला ॥

प्रलयकाल सब नाशन हारी ।
तुम गौरी शिवशंकर प्यारी ॥

शिव योगी तुम्हरे गुण गावें ।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें ॥ ८

रूप सरस्वती को तुम धारा ।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा ॥

धरयो रूप नरसिंह को अम्बा ।
परगट भई फाड़कर खम्बा ॥

रक्षा करि प्रह्लाद बचायो ।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो ॥

लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं ।
श्री नारायण अंग समाहीं ॥ १२

क्षीरसिन्धु में करत विलासा ।
दयासिन्धु दीजै मन आसा ॥

हिंगलाज में तुम्हीं भवानी ।
महिमा अमित न जात बखानी ॥

मातंगी अरु धूमावति माता ।
भुवनेश्वरी बगला सुख दाता ॥

श्री भैरव तारा जग तारिणी ।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी ॥ १६

केहरि वाहन सोह भवानी ।
लांगुर वीर चलत अगवानी ॥

कर में खप्पर खड्ग विराजै ।
जाको देख काल डर भाजै ॥

सोहै अस्त्र और त्रिशूला ।
जाते उठत शत्रु हिय शूला ॥

नगरकोट में तुम्हीं विराजत ।
तिहुँलोक में डंका बाजत ॥ २०

शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे ।
रक्तबीज शंखन संहारे ॥

महिषासुर नृप अति अभिमानी ।
जेहि अघ भार मही अकुलानी ॥

रूप कराल कालिका धारा ।
सेन सहित तुम तिहि संहारा ॥

परी गाढ़ सन्तन पर जब जब ।
भई सहाय मातु तुम तब तब ॥ २४

अमरपुरी अरु बासव लोका ।
तब महिमा सब रहें अशोका ॥

ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी ।
तुम्हें सदा पूजें नरनारी ॥

प्रेम भक्ति से जो यश गावें ।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें ॥

ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई ।
जन्ममरण ताकौ छुटि जाई ॥ २८

जोगी सुर मुनि कहत पुकारी ।
योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी ॥

शंकर आचारज तप कीनो ।
काम अरु क्रोध जीति सब लीनो ॥

निशिदिन ध्यान धरो शंकर को ।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको ॥

शक्ति रूप का मरम न पायो ।
शक्ति गई तब मन पछितायो ॥ ३२

शरणागत हुई कीर्ति बखानी ।
जय जय जय जगदम्ब भवानी ॥

भई प्रसन्न आदि जगदम्बा ।
दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा ॥

मोको मातु कष्ट अति घेरो ।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो ॥

आशा तृष्णा निपट सतावें ।
मोह मदादिक सब बिनशावें ॥ ३६

शत्रु नाश कीजै महारानी ।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी ॥

करो कृपा हे मातु दयाला ।
ऋद्धिसिद्धि दै करहु निहाला ॥

जब लगि जिऊँ दया फल पाऊँ ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊँ ॥

श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै ।
सब सुख भोग परमपद पावै ॥ ४०

देवीदास शरण निज जानी ।
कहु कृपा जगदम्ब भवानी ॥

॥दोहा॥

शरणागत रक्षा करे,
भक्त रहे नि:शंक ।
मैं आया तेरी शरण में,
मातु लिजिये अंक ॥
॥ इति श्री दुर्गा चालीसा ॥

Durga Chalisa Lyrics पढने के बाद आइये जानते है भगवान शिव की पत्नी जिनका नाम पार्वती जी है। उनके 108 नामो के बारे में जानते है।

सती, अमेयविक्रमा, क्रूरा, सुंदरी, सुरसुंदरी, वनदुर्गा, मातंगी, मतंगमुनिपूजिता, ब्राह्मी, माहेश्वरी, ऐंद्री, कौमारी, वैष्णवी, चामुंडा, वाराही, लक्ष्मी, पुरुषाकृति, विमला, उत्कर्षिनी, ज्ञाना, क्रिया, नित्या, बुद्धिदा, बहुला, बहुलप्रिया, सर्ववाहनवाहना, निशुंभशुंभहननी, महिषासुरमर्दिनी, मधुकैटभहंत्री, चंडमुंडविनाशिनी, सर्वसुरविनाशा, सर्वदानवघातिनी, सर्वशास्त्रमयी, सत्या, सर्वास्त्रधारिणी, अनेकशस्त्रहस्ता, साध्वी, भवप्रीता, भवानी, भवमोचनी, आर्या, दुर्गा, जया, आद्या, त्रिनेत्रा, शूलधारिणी, पिनाकधारिणी, चित्रा, चंद्रघंटा, महातपा, मन, बुद्धि, अहंकारा, चित्तरूपा, चिता, चिति, सर्वमंत्रमयी, सत्ता, सत्यानंदस्वरुपिणी, अनंता, भाविनी, भव्या, अभव्या, सदागति, शाम्भवी, देवमाता, चिंता, रत्नप्रिया, सर्वविद्या, दक्षकन्या, दक्षयज्ञविनाशिनी, अपर्णा, अनेकवर्णा, पाटला, पाटलावती, पट्टाम्बरपरिधाना, कलमंजरीरंजिनी, अनेकास्त्रधारिणी, कुमारी, एककन्या, कैशोरी, युवती, यति, अप्रौढ़ा, प्रौढ़ा, वृद्धमाता, बलप्रदा, महोदरी, मुक्तकेशी, घोररूपा, महाबला, अग्निज्वाला, रौद्रमुखी, कालरात्रि, तपस्विनी, नारायणी, भद्रकाली, विष्णुमाया, जलोदरी, शिवदुती, कराली, अनंता, परमेश्वरी, कात्यायनी, सावित्री, प्रत्यक्षा और ब्रह्मावादिनी।

यह भी पढ़े – बजरंग बाण: Bajrang Baan Lyrics In Hindi, Download Pdf

Durga Chalisa पढ़ने के कई आद्वितीय फायदे हो सकते हैं:

  1. मां दुर्गा की कृपा: दुर्गा चालीसा का पाठ करने से आप मां दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, जो आपके जीवन में समृद्धि और सुख-शांति लाने में मदद कर सकते हैं.
  2. मानसिक शांति: चालीसा का पाठ करने से मानसिक चिंता और तनाव कम हो सकता है, जिससे मानसिक शांति बनी रह सकती है.
  3. रोग निवारण: मां दुर्गा की कृपा से रोग निवारण में भी मदद मिल सकती है. यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने में मदद कर सकता है.
  4. दुर्गा पूजा की तैयारी: दुर्गा चालीसा का पाठ करने से पूजा के लिए मां दुर्गा की तैयारी करने में मदद मिलती है.
  5. धार्मिक उन्नति: इसके अलावा, दुर्गा चालीसा का पाठ करने से आपका आध्यात्मिक जीवन भी सुधर सकता है, और आपको अध्यात्मिक उन्नति में मदद मिल सकती है.
  6. भक्ति और श्रद्धा: दुर्गा चालीसा का पाठ करने से आप मां दुर्गा के प्रति अधिक भक्ति और श्रद्धा विकसित कर सकते हैं.
  7. शुभाशय: धार्मिक रूप से इस चालीसा का पाठ करने से आपको शुभाशय भी मिल सकते हैं, जो आपके जीवन को खुशियों से भर सकते हैं.

इन तरह, दुर्गा चालीसा का पाठ करने से आप आध्यात्मिक और भौतिक दोनों प्रकार के फायदे हो सकते हैं. यह आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ कर सकता है और आपको जीवन के चुनौतियों का सामना करने में मदद कर सकता है. इसके अलावा, यह आपकी भक्ति और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है.

ध्यान दें कि दुर्गा चालीसा का पाठ श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए. यह आपके मानसिक और आध्यात्मिक विकास को समर्थन प्रदान कर सकता है और आपके जीवन को सुखमय और सफल बना सकता है.

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