छत्तीसगढ़ राज्य का लड़का आज छत्तीसगढ़ का नाम पूरे दुनिया में रोशन कर रहा है कजाकिस्तान के पी. ए .यू .एच कैटिगरी में 14 अगस्त 2023 से 3 सितंबर 2023 तक आयोजित होने वाले आर्म रैसलिंग चैंपियनशिप के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के भिलाई के पैरा एथलीट श्रीमंत झा का चयन हुआ है जिससे छत्तीसगढ़ के युवाओं का मन भी बढ़ गया है पैरा ओलंपिक श्रीमंत अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लेकर छत्तीसगढ़ का नाम पूरे देश में रोशन किया है
मिली जानकारी के अनुसार श्रीमंत झा स्कूल स्तर पर फुटबॉल खेलते थे लेकिन उनके दाहिनी हाथ में कामना करने के कारण उन्हें फुटबॉल से आशीर्वाद कर दिया गया फिर श्रीमंत झा पहरा कुश्ती सीखने के लिए भिलाई में जिम में दाखिला ले लिया और लगातार अभ्यास करने की वजह से श्रीमंत झा कई बार राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया जहां उन्हें सफलता व असफलता दोनों मिले पैरा ओलंपिक खिलाड़ी श्रीमंत झा वर्तमान में भारत के तरफ से कजाकिस्तान में कुश्ती लड़ेंगे वर्तमान में श्रीमंत झा एशिया के सबसे होनहार खिलाड़ियों में गिने जाते हैंऔर विश्व के तीसरे नंबर पर उनका नाम पैरा ओलंपिक के क्षेत्र में लिया जाता है वहीं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में श्रीमंत झा देश के लिए 41 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं
श्रीमंत झा ने बताया कि उन्हें अपने लाइफ में बहुत बार स्वीकृति का सामना भी करना पड़ा और वही उनको अस्वीकार करना उनके लिए एथलीट का रास्ता खोल गया नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में रहने के बावजूद 29 वर्ष के युवक श्रीमंत झा ने बताया कि जब यह दसवीं क्लास में थे तब इंटर स्कूल फुटबॉल नेशनल चैंपियनशिप में खेलने के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की थी और 200 बच्चों में 22 व स्थान प्राप्त किया था पर उन्हें यह कह कर रिजेक्ट कर दिया गया कि वह विकलांग है जिस वजह से वह बहुत दुखी हो गए और वही उनके जिंदगी का टर्निंग पॉइंट था तब उसने एथलीट बने का सोच और देश के लिए मेडल जीतने के लिए कड़ी मेहनत करने लग गए और आज इस मेहनत का नतीजा आपके सामने है उन्होंने बताया कि कॉलेज के समय में भी मुझे कई बार संगठनों से स्वीकार कर बाहर कर दिया गया क्योंकि मैं विकलांग था और सैकड़ो प्रयास के बाद जिंदल स्टील एंड पावर कंपनी में मुझे इंजीनियर की नौकरी मिल गई और मैं वही कार्य करते हुए रेसलिंग की तैयारी करता रहा