मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने हाल ही में मध्य प्रदेश व्यापम द्वारा लिए गए पटवारी भर्ती की परीक्षा के परिणाम के आने के बाद घोटालों के आरोपों के बीच होने वाली नियुक्ति पर रोक लगा दी है। इस पर कांग्रेस का कहना है कि भर्तियों पर रोक लगाना यह दर्शाता है कि शिवराज सिंह चौहान ने स्वीकार कर लिया है कि व्यापम द्वारा दिए गए परीक्षा में धांधली जरूर हुई है।
गौरतलब है कि पटवारी परीक्षा के परिणाम आने के बाद जब अभ्यार्थियों को यह पता चला कि अधिकतर टॉपर 10 में से 7 ने ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट में अपनी परीक्षा दी थी जो कि भिंड से बीजेपी विधायक संजीव कुशवाहा का है, तब इस परीक्षा में घोटाले का संदेह हुआ था।
इन उम्मीदवारों का रोल नंबर भी शुरुआत में एक जैसा ही अर्थात 2488 है। तथा सभी टॉपर्स ने अपने हस्ताक्षर शुद्ध हिंदी में नाम में लिखें है जिसकी नकल करना अत्यंत सरल है।
अभ्यार्थियों ने किया प्रदेशभर में प्रदर्शन
इस कथित धांधली से प्रभावित छात्रों ने भोपाल इंदौर तथा राज्य के अलग-अलग स्थानों पर जम कर विरोध प्रदर्शन किया तथा निष्पक्ष जांच की मांग की। तुमने इंदौर में कलेक्टर ऑफिस रोड पर 3 घंटे तक सड़क चक्का जाम किया तथा सीबीआई जांच की मांग की।
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