इलाहाबाद उच्च न्यायालय से सेवानिवृत जस्टिस शबीउल हसनैन ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय से वर्ष 2021 में शास्त्री की डिग्री ली जस्टिस हसनैन का आवेदन पहले निरस्त कर दिया गया क्योंकि वह जज थे फिर उन्होंने प्रक्रिया गत अनुमति लेकर नामांकन कराया
जस्टिस शबी उल हसनैन कहते हैं व्यस्तता की वजह से भले मुझे डिग्री लेने में 8 वर्ष लग गए लेकिन पढ़ने के बाद मैंने जाना की संस्कृति से बड़ी कोई भाषा नहीं है यह देश का खजाना है इसमें पढ़ाया जाता है कि किसी व्यक्ति का कैसा व्यवहार है तथा किस व्यक्ति से कैसा व्यवहार करना चाहिए कैसा परिवेश होना चाहिए यह न्याय के क्षेत्र में जुड़े लोगों के लिए बहुत ही आवश्यक है संस्कृत का अनादर बंद होना चाहिए इसे नष्ट करने का मतलब अपना इतिहास नष्ट करना है