इंदौर समेत प्रदेश के बड़े शहरों मैं बारिश के कारण सड़कों पर हुए गड्ढे अब मिनटों में भरे जाएंगे। इन शहरों में सड़कों की मरम्मत का काम अब मैन्युअली करने की बजाय ऑटोमेटिक मशीनों से किया जाएगा। इससे एक तरफ कम समय में सड़कों की गुणवत्ता युक्त मरम्मत होगी, वहीं इस दौरान ज्यादा देर तक ट्रैफिक प्रभावित नहीं होगा। प्रदेश में पहली बार सड़कों की रिपेयरिंग का काम मशीनों से होगा। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग जल्द स्प्रे इंजेक्शन पैचिंग रोड रिपेयर मशीनें खरीदने जा रहा है।
दरअसल, बारिश से खराब हुई भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर सहित प्रदेश के 413 नगरीय निकायों की सड़कों को सुधारने के लिए सरकार 1200 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसके लिए हाल में कैबिनेट की बैठक में कायाकल्प योजना के अंतर्गत राशि स्वीकृत की गई है। विभागीय सर्वे के अनुसार नगरीय निकायों में करीब 1700 किमी की सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। प्रदेश में 16 नगर निगम, 99 नगर पालिका और 298 नगर परिषद हैं। इनके अंतर्गत 23,559 किमी पक्की सड़कें आती हैं। जुलाई में कुछ क्षेत्रों में तेज बारिश होने से सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शुरुआत में प्रदेश के हर संभाग में एक स्प्रे इंजेक्शन पैचिंग रोड रिपेयर मशीन उपलब्ध कराने की तैयारी है, ताकि बड़े शहरों में सड़कों की कम समय में गुणवत्ता युक्त रिपेयरिंग की जा सके।
ऐसे काम करती है मशीन
जानकारी के मुताबिक यह मशीन सड़कों की स्थायी रिपेयरिंग करती है। यह पंचिंग मशीन हवा से चलने वाली प्रणाली का उपयोग करती है। मशीन में गिट्टी भरने के लिए बड़ी डक्ट होती है। चारकोल गर्म करने के लिए ब्लोअर समेत अन्य हाईटेक संयंत्र हैं। गड्ढों को भरने से पहले इनकी सफाई के लिए हेवी प्रेशर से डस्ट साफ करने के बाद गिट्टी और चारकोल के मिश्रण को तेजी से गड्ढे में भरा जाएगा। तेज प्रेशर से गिट्टी तत्काल सेट हो जाएगी। रोड बराबर करने के लिए अलग से रोलर की जरूरत नही होती। इसमें रोलर भी लगा होता है। इस मशीन के जरिए सड़कों की रिपेयरिंग में सिर्फ मशीन ऑपरेटर और दो-तीन अन्य लोगों की जरूरत होती है।