Thursday, March 28, 2024
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GPM NEWS :– जिला अस्पताल नहीं सिर्फ जिले अस्पताल का नाम दिया गया अब तक नहीं है कोई भी सुविधा जिला अस्पताल के नाम पर हो रहा धोखा

छत्तीसगढ़ राज्य के नव निर्वाचित जिले गौरेला पेंड्रा मरवाही में सरकार के द्वारा जिला अस्पताल के नाम पर लोगों से ठगी की गई है पुराने अस्पताल सेनेटोरियम का नाम बदलकर जिला अस्पताल रख दिया गया है पर अभी जिला अस्पताल अपने मूलभूत की सुविधाओं से वंचित है अब तक कोई भी नया कार्य जिला अस्पताल में नहीं किया गया है स्वास्थ्य शिक्षा और रोजगार यह किसी भी जिले की मूलभूत आवश्यकता होती है जिनमें जीपीएम जिले के अंदर जिले अस्पताल की हालत बहुत खस्ता है सरकार जिला अस्पताल का घोषणा करके वाहवाही लूट लेती है परंतु लोग अभी सुख सुविधाओं से वंचित रहते हैं अब तक सरकार के द्वारा कोई भी जिले अस्पताल की सुविधा नहीं दी गई है

डाक्टर से लेकर दवाई तक की उपलब्धता पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है समय पर मरीज के पहुंचने पर भी मरीज को अपने जान से हाथ धोना पड़ता है गौरेला पेंड्रा मरवाही जो की एक वनांचल जिला है जहां के लोग अपनी बात नही कह पाते और न ही डॉक्टर्स से अच्छे से बात कर बाते ऐसे में भी इसी आस में की वो जिला अस्पताल में भर्ती है जी सर हा सर करते रहते और बदले में अपने मरीज की जान गवा बैठते परंतु उन्हें वहां जिस श्रेणी का इलाज मिलना चाहिए उन्हें उस श्रेणी का ईलाज मिल पाता जबकि जिला अस्पताल जिले का सबसे बड़ा स्वास्थ्य सेवा का मंदिर होता है सुविधा न हो पाने के कारण जिन मरीजों की जान बच जानी चाहिए उन्हें भी अपने जान से हाथ धोना पड़ता है

अस्पताल के अंदर ना ही ICU WARD है और ना ही VENTILATER की सुविधा डॉक्टरों की उपलब्धता में भी लगातार प्रश्न उठते रहे हैं जिस पर ना तो जिला प्रशासन का ध्यान जा रहा है और ना ही राज्य के सरकार काकोई ध्यान जा रहा है जिले में ज्यादातर मरीज वनांचल क्षेत्र से आते हैं जो जिला अस्पताल में पहुंचकर अपने आप में यह अस्वस्थ हो जाते हैं कि हमारा मैरिज अब जिला अस्पताल में डॉक्टर के हाथ में है परंतु उन्हें यह नहीं पता होता कि उनके साथ खिलवाड़ हो रहा है अस्पताल के अंदर कोई सुविधा नहीं है

साक्षरता की कमी के कारण वह लोग अपने बात भी नहीं रख पाते और ना ही कोई प्रश्न चिन्ह डॉक्टर के कार्य अस्पताल पर लगा पाए परंतु उनके परिजनों की लगातार मृत्यु हो रही है डॉक्टर के द्वारा थोड़ा भी क्रिटिकल कैसे हुआ तो कोई रिस्क लेने के लिए तैयार नहीं है तुरंत मरीज को बिलासपुर सिम्स के लिए रेफर कर दिया जाता है जिसकी दूरी लगभग 110 किलोमीटर है जहां पहुंचने में दो से ढाई घंटे का समय लगता है उसे दौरान मरीज की मृत्यु हो जाती है

मरीजो को मिलने वाले भोजन मैं बासी व ठंडा भोजन परोसा जाता है

स्व सहायता समूह का एक भी परिजन कभी जांच के लिए नहीं पहुंचता जिस वजह से ठेकेदार अपनी मनमानी कर्ता रहता है अस्पताल को लेकर जिस बात का ढिंढोरा सरकारें पीटती हैं कि हम मरीज को पेट भर पौष्टिक खाना मुहैया करवाते हैं परंतु सच तो यह है कि मरीजों को ठंडा व बासी चावल परोसा जाता है साथ में एक ही सब्जी को दो खंड में भरकर दो सब्जी सो किया जाता है सब्जी की क्वांटिटी भी एकदम थोड़ी होती है मरीज के भोजन तक में भी जिला अस्पताल में लगातार भ्रष्टाचार हो रहा है जबकि खाने का मेनू कार्ड होता है उसे तो लगाया भी नही गया है वनांचल क्षेत्र से होने के कारण यहां के मरीज कुछ बोल नहीं पाते और यदि बोलते हैं उनको जवाब दे दिया जाता है कि रायपुर जाकर बात करें ऐसे में कैसे होगा हमारे जिले का विकास यह सब अस्पताल में लगभग 4 वर्षो से चल रहा है जिसकी पूरी जानकारी अस्पताल प्राशासन को तो होगी ही सभी भ्रष्टाचार में लिप्त वनांचल क्षेत्र के मरीजों का शोषण कर रहे हैं जिस पर आज तक जिला प्रशासन का कोई ध्यान नहीं गया है जिले के विधायक स्वयं डॉक्टर हैं परंतु आज तक उन्होंने आकर किसी भी चीज का मुआयना नहीं किया और ना ही जांच परख करने की कोशिश की

कहां है जिला अस्पताल की मूलभूत सुविधाएं

जिले के अस्पताल में जिन मूलभूत सुविधाओं को होना चाहिए वह अब भी मौजूद नहीं है जैसे वेंटिलेटर, आईसीयू वार्ड, मरीज के लिए लिफ्ट, डायलिसिस मशीन की उपलब्धता, ऑपरेशन की सुविधा, इत्यादि जो कि जिले अस्पताल में होना ही चाहिए इन चीजों की व्यवस्था भी अब तक अस्पताल में नहीं की गई है और ना ही किसी प्रशासनिक अधिकारी के द्वारा इन चीजों के डिमांड की गई और ना ही मुवाइना किया गया

साफ सफाई में हो रही घोर लापरवाही संक्रमण का लगातार बना रहता है खतरा

जिले अस्पताल के अंदर पुरुष प्रसाधन और महिला प्रसाधन की हालत बहुत खराब है जिसमे आप और हम जैसे लोगों का अंदर जाने का भी मन ना करें परंतु दुरानचल क्षेत्र से आए हुए लोगों को नाक पकड़ कर प्रसाधन के लिए अस्पताल की गंदगी को सहते हुए जाना पड़ता है जिस की लगभग दिन में एक बार सुबह सफाई की जाती है उसके बाद दूसरे दिन ही सुबह वापस से सफाई की जाती है इस परिस्थिति में अस्पताल का प्रसाधन गंदा वह संक्रमित हो जाता है जिससे बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ा रहता है यह सब अस्पताल प्रशासन के नाक के नीचे होता है जिस पर प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा भी कभी कोई एक्शन नहीं लिया गया शौचालय की स्थिति इतनी खराब है कि जिसमें आप और हम जैसे लोगों का जाने का भी मन ना करें वहां बेचारे गांव के वनांचल लोगों को मजबूरी बस शौचालय का उपयोग करना पड़ता है

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