Friday, March 15, 2024
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पहली स्वदेशी प्रलय मिसाइल बनाने के लिए DRDO को मिली अनुमति

दो हजार किमी प्रति घंटे की होगी रफ्तार
थल सेना को और मजबूती देने और दुश्मनों पर दूर से ही सटीक निशाना लगाने में सक्षम देश की पहली प्रलय टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल रेजिमेंट बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने अनुमति दे दी है।
प्रलय को बनाने की जिम्मेदारी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की है। नई मिसाइल अपने निशाने पर बिल्कुल सटीक पहुंचती है। यह एक ऐसी मिसाइल है, जिसे रसायन या गैस को ले जाने वाले मजबूत धातु के कंटेनर में ले जाया जा सकता है। प्रलय की स्पीड 1200 किलोमीटर प्रति घंटा होगी, लेकिन यह बढ़कर 2000 किमी प्रतिघंटा तक जा सकती है। यानी हवा से निशाने पर गिरते समय इसकी गति ज्यादा हो जाती है।

देश की रॉकेट फोर्स की बढ़ेगी पावर
इस मिसाइल के जरिए भारतीय सेना अपनी रॉकेट फोर्स को मजबूत बनाने जा रही है। सामरिक मिसाइलें कम दूरी के हथियार हैं जिन्हें तत्काल युद्ध क्षेत्र में उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है। अधिकतर समय इसकी रेंज 300. किमी से कम होती है। अधिकतर सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलें ऐसी हैं, जिन्हें कहीं भी और कभी भी ले जाया जा सकता है। ऐसे में उनका तुरंत उपयोग किया जा सकता है। वे अपने लक्ष्य पर प्रहार करने के लिए विभिन्न प्रकार के हथियार भी ले जा सकते हैं।

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