भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) द्वारा सूर्य पर रिसर्च के लिए भेजा गया आदित्य एल-1 अब पृथ्वी के कक्ष से बाहर निकल गया है। आदित्य- एल 1 सोमवार-मंगलवार की रात करीब 2 बजे तब प्रक्रिया के तहत धरती के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से आगे निकला और फिर पृथ्वी सूर्य प्रणाली में लैग्रेज प्वाइंट 1 पर पहुंचने के लिए अपनी चार महीने की यात्रा शुरू कर दी है। इसकी जानकारी इसरो ने एक्स पर दी है। यह प्वाइंट पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है।
अंतरिक्ष यान आदित्य-एल1 ने पृथ्वी की ओर जाने वाली चार गतिविधियों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। एक बार जब आदित्य-एल1 लैग्रेज प्वाइंट पर पहुंच जाएगा, तो यह एक प्रभामंडल कक्षा में प्रवेश करेगा और अपने मिशन की अवधि के दौरान वहीं रहेगा। लैग्रेज बिंदु, जिसका नाम प्रसिद्ध इतालवी-फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफ लुई लैग्रेंज के नाम पर रखा गया है।
वहीं आदित्य-एल1 ने फिलहाल साइंटिफिक डेटा जुटाना शुरू कर दिया है। बीते 2 सितंबर को इसरो ने पीएसएलवी-सी 57 रॉकेट के जरिए आदित्य एल 1 की लॉन्चिंग की थी, जिसे पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लैग्रेजियन बिंदु – 1 पर प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा।